Khuda Bhi | Hindi Poetry
जैसे सूरज भी कभी , ढलती शाम की गोद में सोया होगा , जैसे चाँद भी कभी , अपनी चांदनी में खोया होगा , तुझे ज़न्नत की हूर बनाकर , खुदा भी तेरे इश्क के लिए रोया होगा ♥♥
Hindi Poetry - Of longing, Love and Life