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फ़रवरी, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Khuda Bhi | Hindi Poetry

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जैसे सूरज भी कभी , ढलती शाम की गोद में सोया होगा , जैसे चाँद भी कभी , अपनी चांदनी में खोया होगा , तुझे ज़न्नत की हूर बनाकर , खुदा भी तेरे इश्क के लिए रोया होगा   ♥♥

Mout bhi Bewafa Nikali!

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ना ही तनहा रात गुजरी, ना ही उम्मीदों भरी नयी सुबह निकली, मौत को भी गले से लगाया था, पर मौत भी बेवफा निकली !

Mere Jaisa Chehra

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तुझे जब भी मेरे इश्क का, मासूम चेहरा दिखाई देगा, तुझे हर पल मेरी तडपती, साँसों का शोर सुनाई देगा, जब तेरी नज़रे ढूंढेगी, मेरी जैसी महोब्बत को, तुझे रास्ते तो मिलेंगे, पर मेरे जैसा चेहरा दिखाई नहीं देगा !

Teri Tasveer Ko

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Tere Jaane Ke Baad Socha Tha Ki, Zindagi Ke Baki Kuch Din Tanha Hi Jee Lenge, Teri Tasveer Ko Dil Ke Sheesho Se Mitane Ke Liye, Sharab Bhi Pee Lenge, Magar Ab Tere Bina Ye Zindagi Katati Nahi, Teri Yaado Ki Mahak Jo Meri Saanso Mein Chali Aaye, Phir Ye Kambakht Sharab Bhi Chadhti Nahi ♥♥