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वो समझती है बेवफ़ा हूँ मैं | MS Mahawar

जिसकी चाहत में गुमशुदा हूँ मैं वो समझती है बेवफ़ा हूँ मैं देख कर के पलट गया तू मुझे तेरे दिल का ही रास्ता हूँ मैं बैठते हैं रक़ीब मेरे पास हिज्र की कारगर दवा हूँ मैं आइने में नहीं मिलेगा तू ढूँढ मुझको तिरा पता हूँ मैं गर मुहब्बत गुनाह है तो फिर ठीक कहते हैं सब बुरा हूँ मैं तू ने इक चीख ही सुनी है बस सुन ख़मोशी भी अनसुना हूँ मैं तू मुझे सोचता नहीं होगा सोच कर के ये मर गया हूँ मैं #MSMahawar #GhazalbyMSMahawar