एक उम्र की दूरी है , एक पल में मिटानी है , जो बातें कहनी थी तुमसे , वो अब ख़ुद से भी छुपानी है , इक रात ही काटी है हिज्र में , अभी एक उम्र बितानी है , एक लम्हा मोहब्बत का ना मिला , उनकी मोहब्बत फ़क़त जुबानी है , मोहब्बत हमेशा जिंदा रहेगी , बस ये ज़िंदगी फ़ानी है ♥♥
सोचा था कि तेरा बादलों के पार तक पीछा करूँ , तेरा कई जन्मों तक इंतज़ार करूँ , चाँद की परछाई में तेरा दीदार करूँ , तुझे कुछ भी कहने से डरूं , तुझे छूने की तड़प में मरूं , तेरी यादों को अपनी बाहों में भरूँ , नाउम्मीद इश्क़ से इश्क़ की उम्मीद करूँ ,