महोब्बत कर या ना कर , मगर मेरी महोब्बत पे ऐतबार तो कर , मैं वापस लौटूं या ना लौटूं, मगर मेरा थोड़ा इंतज़ार तो कर ♥♥ नफ़रतें तू लाख कर मुझसे मगर , थोड़ा मुझसे प्यार भी तो कर ,
तेरी बाहों की गरमी में पिघल जाऊं मैं , तुझसे इस तरह लिपटूं कि तेरी हर सांस में खुद को पाऊं मैं , अगर तू इश्क़ सी जले तो तुझमें जल जाऊं मैं , तुझमें इस तरह सिमटूं कि तेरी रूह से मिल जाऊं मैं ♥♥
मेरे दिल में जो दबे है , वो जज़्बात तुम हो , जो बातें ज़माने से छुपा रखी है , वो बात तुम हो ♥♥ जिस दर्द से में निकल ना सका , वो हालात तुम हो , जब ख्वाबों में कभी मेरी पलकें भीगती है , वो याद तुम हो ♥♥
दिल मेरा अब मेरी कहाँ मानता है , सिर्फ तेरा ही तो चेहरा है जिसे ये जानता है , ज़िन्दगी को जरुरत है साँसों की , मगर आज भी दुआओं में ये सिर्फ तुझे मांगता है ♥♥
जब कभी मैं तेरी बीती बातें याद करता हूँ , जैसे इस मुर्दा जिस्म में मैं सांस भरता हूँ , मालूम है तेरा लौट आना अब मुमकिन नहीं , मगर आज भी हर राह पे मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ ♥♥