तेरी यादों के सहारे जी रहा हूँ मैं , प्यार के इस दर्द के घुट को रोज़ पी रहा हूँ मैं ♥♥ मैंने तेरी पलकों पे कुछ सपने सजाये थे , कहीं वो सपने सूख कर मर ना जाये , मैंने उन्हें अपने अश्कों से भीगोये थे ♥♥ कुछ लफ्ज़ ही सुन पाया था तेरे लबों से , अभी वो अधूरी बात बाकी है , साँसों की डोर को मैंने अभी थाम रखा है , कि अभी तेरा दीदार बाकी है ♥♥ जिस दिन फलक पे चाँद पूरा दिखाई देगा , अभी वो रात बाकी है , शायद फिर लौट आये मेरी ज़िन्दगी में वो प्यार वापस , इस उम्मीद में मुझ में अभी एक सांस बाकी है ♥♥