महोब्बत तुझसे बेइंतहा की है, तेरे भी इश्क़ में थोड़ी सी तो सच्चाई थी, तनहा नहीं था राह-ए-इश्क़ में कभी, आग इश्क़ की तूने भी तो दिल में लगायी थी ♥♥ मुस्करा जाते थे लब तुझे देखकर, तू भी तो मुझे देखकर मुस्कुराई थी,
तुझसे इश्क़ किया तो मालूम हुआ , किसी के लिये रोना क्या होता है , तुझसे इश्क़ किया तो मालूम हुआ , किसी की याद में खुद को खोना क्या होता है , चाहा जिसे बेइंतहा ज़िन्दगी भर , उसका ना होकर भी दुनिया में होना क्या होता है ♥♥
मैं ना रहूँ कभी , तो तू कभी रोना मत , मैं तेरी हँसी के लिये जीया हूँ , तू इसे कभी खोना मत , तनहा जीया हूँ तेरी याद में उम्र भर , तू मेरी याद में कभी तनहा होना मत ♥♥
दिल की दीवारों पर कहीं तेरा नाम लिखा है , आज फिर तेरा चेहरा मुझे चाँद में दिखा है ♥♥ इंतज़ार है मुझे वो सवेरा होने का , मेरी बाहों में तेरे होने का ♥♥ कैसे कह दूँ कि मुझे ज़िन्दगी से कोई ग़म है , तू जो हो साथ मेरे तो जीने के लिये ये ज़िन्दगी भी कम है ♥♥
तुझे पाने आये थे इस शहर में, खुद को खोकर लौटे हैं इस सफ़र में ♥♥ हदें क्या पार हुयी महोब्बत में तेरी, तेरी यादों में गुज़र रही है ज़िन्दगी मेरी ♥♥ कसर रह ना जाये कोई महोब्बत में बाकी , जितना तुझे चाहूँ उतना ही है नाकाफ़ी ♥♥
बंज़र सी मेरे दिल की ज़मी , तेरी भीगी साँसों को तरसती रही , इंतज़ार किया मैंने तेरा बारिशों सा , मगर सिर्फ आँखें ही बरसती रही ♥♥ मंज़िल तो सिर्फ तू ही है , बस ये राहें बदलती रही , लाख छुपाया ज़माने से मगर , ये महोब्वत मेरे लफ़्ज़ों में झलकती रही ♥♥
कभी तेरे लब मेरे लबों को छु जाये , मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये , ज़माने की साज़िशों से बेपरवाह हो जाये , मेरे तड़पते ख्वाब कुछ देर तेरी बाहों में सो जाये , मिटा कर फ़ासलें दरमियान इन जज़्बातों में खो जाये , कुछ पल के लिये एक-दूजे के हो जाये ♥♥
खोया है मेरा जहां हसरतों में, जब से तुझसे आँखें मिली, तेरी साँसों ने जो छुआ जिस्म को मेरे, जैसे हवायें भी मेरे संग चली ♥♥ तेरे लबों ने जो छुआ नाम मेरा, जैसे मेरे लफ़्ज़ों को आवाज़ मिली,