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जनवरी, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Sard Hawaayein | Hindi Poetry

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जब इश्क़ की ये सर्द हवाएँ चलती है , तेरी यादों की गर्मी से दिल पे जमी ये बर्फ पिघलती है , बचता फिरता हूँ इन तन्हाई के बादलों से मैं , मगर हर लम्हा तेरी याद मुझपे बूँद-बूँद गिरती है ♥♥ ढूँढता रहता है दिल किनारा हर कहीं , दरिया-ए-इश्क़ में जो कश्ती है अब संभाले ना संभलती है , बढ़ते रहते है कदम उन राहों पे हर रोज़ , वो जो राहें तेरे दिल तक पहुँचती है ♥♥

Urdu | Infinite Love

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खुद से खुद की ये कैसी गुफ़्तगू है , मैं इश्क़ हूँ और तू उर्दू है  ♥♥

Tere Hizra | Infinite Love

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ना कहीं सुकून है , ना ही दिल को करार तेरे हिज़्र में , जिनकी हम जुबां पे नहीं , जिंदगी काटी है उनके जिक्र में ♥♥ # हिज़्र  - जुदाई

Tere Kaabil | Eternal Love

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तू इश्क़ है या खुदा जो मैं तेरे क़ाबिल ना हुआ , सब कुछ गंवाकर भी तू हासिल ना हुआ ♥♥ Hindi Shayari, Urdu Shayari, Urdu Poetry, Hindi Poetry, Short Shayari, Hindi, Hindi Poems, Hindi Sad SMS, Hindi Sad Shayari 2 lines Quotes, Romantic Shayari, Romantic Poetry

Tera Naam | Infinite Love

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कुछ सवाल अब सवाल ही रह गये , जवाब जिनके अश्कों में बह गये ♥♥ चाहे मैं जितना चलूँ कदम तेरी ओर ही बढ़ते है , मेरे लब सजदे में दुआ नहीं तेरा नाम पढ़ते है ♥♥ शाम ढलते ही, दिल कोई ठिकाना ढूँढता रहा तेरी यादों से जुदा रहने का, कोई बहाना ढूँढता रहा ♥♥

फ़ितूर-ए-इश्क़ | Infinite Love

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दिल से जो फ़ितूर-ए-इश्क़ नहीं जाता , उन खिड़कियों से जो अब चाँद नज़र नहीं आता, भीगती है पलकें दर्द की बारिशों में , एक तूफ़ान जो मेरे अंदर है क्यों गुज़र नहीं जाता ♥♥

Parwaaz | Infinite Love

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रुकता कहीं नहीं जब ये परवाज़ लेता है , ये दिल परिंदा तेरी चौखट पे रूककर ही सांस लेता है   ♥♥

Beghar | Hopeless

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कोई आशिक़ तो कोई दीवाना कहता है , मेरे इस बेघर दिल में किसी का दिल रहता है  ♥♥ दिल को कुरेदते ज़ख्मो को कहीं हवा ना मिली , मर्ज़ इश्क़ का ऐसा कि कहीं दवा ना मिली  ♥♥

Sajda | Eternal Love

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मेरे ख़्वाबों का काफिला तेरी चौखट पे रुक गया , जैसे सजदे में कोई सिर दुआ में झुक गया ♥♥

Basar | Infinite Love

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हर लफ्ज़ में मैंने तेरा नाम छिपा रखा है , इस ख़ामोशी में मैंने एक शोर दबा रखा है   ♥♥ दिल आज भी तेरी याद में बसर करता है , जैसे तू मेरे अंदर सफर करता है   ♥♥ बसर - Guzara

Aarzoo | Hindi Poetry

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शाम गुज़रती नहीं और साल गुज़रता चला गया , ऐ इश्क़ तेरी आरज़ू में हर शख़्स छला गया |