Sard Hawaayein | Hindi Poetry
जब इश्क़ की ये सर्द हवाएँ चलती है , तेरी यादों की गर्मी से दिल पे जमी ये बर्फ पिघलती है , बचता फिरता हूँ इन तन्हाई के बादलों से मैं , मगर हर लम्हा तेरी याद मुझपे बूँद-बूँद गिरती है ♥♥ ढूँढता रहता है दिल किनारा हर कहीं , दरिया-ए-इश्क़ में जो कश्ती है अब संभाले ना संभलती है , बढ़ते रहते है कदम उन राहों पे हर रोज़ , वो जो राहें तेरे दिल तक पहुँचती है ♥♥