कभी ऐसा हो कि चाँद भी ठंडी रात के आगोश में जले , कभी सूरज भी छांव-छांव चले , कभी ख़ुशबू तड़प कर हवा से गले मिले , तब मुझे भी तेरी बाहों में बहकने की सज़ा मिले ♥♥
चल इन हवाओं को तेरी ज़ुल्फ़ों की तरफ मोड़ दे , तेरी साँसों से मेरी सांसे जोड़कर तेरे लबों पे सिर्फ ख़ामोशी छोड़ दे , ख़्वाबों की बालकनी से , आसमां से सितारें तोड़ ले , पूनम का चाँद बाहों में भरकर , जनवरी की सर्दी ओढ़ ले ♥♥