Mere Labo Ne Aaj Phir Tera Naam Liya Hai

♥ साँसों ने धड़कन को पैगाम दिया है,
मैंने आज फिर तेरी यादों का जाम पीया है  
 चांदनी जो कहीं छिप गयी थी गुमसुम आसमान में,
मैंने सपनो के शीशों से आज फिर तेरा दीदार किया है  
 कहीं मर ना जाऊं मैं इस ग़म-ए-दिल को छिपाकर,
की मेरे लबों ने आज फिर तेरा नाम लिया है

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar