Koi Humdard Naa Mila | Hindi Poems

ज़िन्दगी से सिर्फ दर्द ही मिला,
ढूँढा बहुत मगर कोई हमदर्द ना मिला,
दिल जलाने वाले तो बहुत मिले,
मगर कोई दिल बहलाने वाला ना मिला |

अपने भी छोड़ गये दर्द की निशानियाँ बहुत,
पराये तो बहुत मिले,
मगर कोई अपना कहलाने वाला ना मिला |

आंसू तो बहुत दिए ज़माने ने मुझको,
फिर भी ग़म को छिपाकर हंसाता रहा मैं सबको,
मगर कोई मुझे हंसाने वाला ना मिला |

जिनके जख्मों पे हम मरहम लगाते रहे,
उन्होंने पहचानने से ही इनकार कर दिया हमें,
हम जख्म भरते रहे उन्हें अपना समझकर,
मगर कोई मेरे जख्मों को सहलाने वाला ना मिला |

बैगानों की दुनिया में मैं ढूंढ रहा था अपना कोई,
मिला ना कोई अपना हर कोई बैगाना ही मिला,
खुद से रूठ गया हूँ मैं इन टूटती हसरतो को देखकर,
मगर मुझे कोई मनाने वाला ना मिला |

हार गया हूँ खुद से मैं ज़िन्दगी से लड़ते-लड़ते,
खुद को खो दिया मैंने इन चाहतों को पूरा करते-करते,
मगर कोई मुझे चाहने वाला ना मिला |



Keyword Tag : Hindi Poetry, Loneliness, Broken Heart, Lost Soul, Lost Love, Alone In Love, Crying In Love

टिप्पणियाँ

  1. तू बन खुद का साहिल,
    तू बन खुद की मंजिल,
    तू बन खुद का हौसला,
    तू बन खुद अपने मर्जों की दवा।
    @http://imlostsoul.blogspot.in/2014/09/blog-post_92.html

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