तुम जो यूँ अपनी जुल्फें संवारती हो | Love Poems
तुम जो यूँ बार-बार अपनी
जुल्फें संवारती हो,
क्यों मुझे अपनी गुस्ताख
नज़रों से मारती हो ♥♥
तुम जानती हो अब हम दो
किनारे किसी दरिया के हैं,
मेरे दिल के जख्म अभी भरे नहीं
है,
क्यों तुम उन्हें छूकर फिर
उभारती हो ♥♥
मेरी किस्मत में अश्क ही
लिखे है शायद,
क्यों मुझे तुम यूँ पुकारती
हो ♥♥
Keyword Tag - Loneliness, Best Hindi Poems, Lost Soul, Sad Love Poems, Romance, Anushka Sharma, Lost Heart, I Miss You
खूबसूरत शब्द
जवाब देंहटाएंBeautiful words :) And I love the new blog look !
जवाब देंहटाएंTHank you so much :)
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