बेदर्द ज़िन्दगी | Hopeless


हर कोई तनहा यहाँ, यहाँ कोई ना किसी का हमदर्द है,
बेदर्द सी ज़िन्दगी थी और आज भी बेदर्द है |


टिप्पणियाँ

  1. बहुत खूब। मेरे ब्‍लाग पर आपका स्‍वागत है।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar