Khwaab | Hopeless


ज़ख्मों पे नमक ना लगाये कोई,
मुझे मुझ तक पहुँचाये कोई,

टूट चूका हूँ टूटते ख्वाबों को देखकर,
मुझे अब नींद से जगायें कोई ♥♥


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