Dhoop Si | Infinite Love


तन्हाइयों के अंधेरों में,
तुम धूप सी निकलती हो,

तुम्हें छूकर पानी हो जाता हूँ,
जैसे तेरी साँसों से मेरी रूह पिघलती हो,

ढूँढता रहता है दिल तुझे हर जगह,
तुम हो कि सिर्फ शाम की उदासियों में मिलती हो ♥♥


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