मुस्कुराए | Hindi Poetry


कोई भला अब मुस्कुराए भी तो कैसे,
जो नहीं है वो नज़र आए भी तो कैसे,

जिन्हें याद कर हम हर पल जीये,
उन्हें अब भूलकर मर जाए भी तो कैसे ।


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