Ae Khuda Tu Hai Kahin

ऐ खुदा तू है कहीं,
तो मेरे दर्द-ए-दिल की दवा कर दे,
मेरी रूह को सुकून दे,
हर जख्म को रवा कर दे,
थक चूका हूँ तनहा चलते-चलते,
मुझे कोई तो जीने की वजह दे,
अगर इतना भी नहीं मेरे हक में,
तो फिर मौत भी कांप उठे मेरा दर्द देख कर,
मुझे इतनी सजा दे

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