Ye Baarishen | Hopeless


सुबह तो खुशनुमा थी,
क्यों शाम मुझे फिर तनहा छोड़ गयी,

मंजिल दिखी ही थी,
कि ज़िन्दगी फिर रास्ता मोड़ गयी,

दिन तो गुज़र गया,
मगर रात फिर तेरी यादों के साथ छोड़ गयी,

अभी तो चलना सीखा था,
मेरी हसरतें फिर मुझे तोड़ गयी,

ये बारिशें मेरे लबों को छूकर,
फिर मुझे प्यासा छोड़ गयी ♥♥


Indian Bloggers

टिप्पणियाँ

  1. arre wah.. aaj maine bhi baarish pe haiku likha ha :-)
    bahut badhiya MS :)

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