Judaai | Love Poems


महोब्बत तुझसे बेइंतहा की है,
तेरे भी इश्क़ में थोड़ी सी तो सच्चाई थी,

तनहा नहीं था राह-ए-इश्क़ में कभी,
आग इश्क़ की तूने भी तो दिल में लगायी थी ♥♥

मुस्करा जाते थे लब तुझे देखकर,
तू भी तो मुझे देखकर मुस्कुराई थी,

छु ही लिया जज़्बात-ए-इश्क़ ने मुझे,
तूने जो यूँ मुझसे नज़रे मिलायी थी ♥♥

कह ना सके तुझसे हालात दिल के,
तूने भी तो कुछ बातें दिल में दबाई थी,

दिल लगा बैठा कुछ लम्हों से यूँ ही,
मेरे हिस्से में तो सिर्फ तन्हाई थी ♥♥

छुपाया नहीं था ज़माने से कुछ भी,
मैंने तो ज़िन्दगी भी तेरे इश्क़ में बिताई थी,

कैसे करूँ मैं तुझसे शिकायत कोई,
नसीब में जो मेरे सिर्फ जुदाई थी ♥♥


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