हुस्न-ए-इश्क़ | Infinite Love


गुनाह ये बार-बार वो हर रोज़ करता है,
हर शख़्स इश्क़ की चाह में हर रोज़ मरता है,

ना जख्मों से और ना वो मौत से डरता है,
जब हुस्न-ए-इश्क़ से यूँ पर्दा गिरता है ♥♥


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