Sang Tere | Zindagi


बेवजह सी हँसी,
ये छिपे हुये चेहरे,
जितना दर्द से निकलो,
जख्म उतने ही गहरे,

कोई नहीं रुकता यहाँ,
बस हम ही है ठहरे,
ज़िन्दगी ये एक सागर सी,
हर दर्द जैसे उठती लहरे,

धड़कने जुदा है दिल से मेरे,
देखों यहाँ कितने है पहरे,
उड़ चलूँ कहीं संग मैं तेरे,
तोड़ दूँ अब ये जंजीरें |

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