Sitaaro Mein | Infinite Love
टूट कर यही मैं इन हवाओं में बिखर जाऊँगा,
अपनी बाहें तू खोल कर रखना,
मैं तिनका-तिनका तुझ में सिमट जाऊँगा ♥♥
मर कर भी मैं तुझसे दूर ना जाऊँगा,
कभी रात में अपनी खिड़की से झांकना तू,
मैं तुझे टूटते सितारों में नज़र आऊंगा ♥♥
जब चाँदनी छुयेगी तेरी हर अक्स को,
मैं तेरी हर सांस को चूमता हुआ,
तेरी रूह में समा जाऊँगा ♥♥
कोई दर्द ना हो तुझे,
मैं तेरे सामने ना आऊंगा,
मगर हवा बनकर तेरी जुल्फें सहलाउंगा ♥♥
Heart touching composition. keep on writing such longer poems. :)
जवाब देंहटाएंTHank you so much, Pranju :)
हटाएंKeep visiting!
Beautiful poetry:-)
जवाब देंहटाएंTHank you Amit :)
हटाएंwow! Beautiful and so touching :)
जवाब देंहटाएंTHank you so much, Purba :)
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