Khamoshi | Infinite Love


नज़रों से जो ज़ाहिर है उसे छुपाये कैसे,
इस ख़ामोशी को लफ्ज़ों में बताये कैसे ♥♥


तेरी नज़रों ने दिल को कुछ इस कदर छुआ,
तेरे इश्क़ में हर लम्हा मैं बेसब्र हुआ ♥♥


जो बात अधूरी ही रह गयी थी उस रात में,
वो रात आज भी अधूरी है तेरी याद में ♥♥


चल कहीं दूर फिर इन हसरतों में खो जाये,
चल फिर थोड़ा इश्क़ में नासमझ हो जाये ♥♥


तनहा इन राहों में कभी तुझसे बात हो जाये,
यूँ ही कभी ज़िंदगी से फिर मुलाक़ात हो जाये ♥♥


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar