Khaamoshiyaan | Hindi Poetry
ये जो
ख़ामोशियों हैं ना
तुम्हारी
आँखों में,
इन्हें लबों
तक आने दो,
ये दर्द
ज़िंदगी से कुछ छीन ना ले,
इसे यूँ ना ये
लम्हें चुराने दो,
दिल जो चाहता
है बारिशों में भीगना,
हर सांस को
भीग जाने दो,
ये शाम ना
होगी इतनी हसीं फिर,
इसे उदासियों
में गुम ना हो जाने दो,
मन जो करता है
उड़ने को,
उसे ख़्वाबों
की डाल से सपने चुराने दो,
कुछ ख़्वाहिशें
जो तैरती है दिल में तेरे,
उन्हें
किनारों पे पहुँच जाने दो,
पकड़ के रखो इन
साँसों को,
इन्हें यूँ ना
डूब जाने दो,
ये ज़िंदगी फ़िर
ना तुम्हे पुकारेगी,
इसे जीने के
और बहाने दो,
वो दबी सी रूह
जो झांकती है अंदर से,
उसे खुल के
मुस्कुराने दो ♥♥
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