Aadha Chaand | Hindi Poetry


आधा चाँद उसने अपनी जुल्फ़ों से ढक लिया,
और आधा मेरी हथेलियों पर रख दिया ♥♥


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar