कभी ऐसा हो | Hindi POETRY


कभी ऐसा हो कि
चाँद भी ठंडी रात के आगोश में जले,
कभी सूरज भी छांव-छांव चले,
कभी ख़ुशबू तड़प कर हवा से गले मिले,
तब मुझे भी तेरी बाहों में बहकने की सज़ा मिले ♥♥


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