जनवरी की सर्दी | LOVE POEMS


चल इन हवाओं को
तेरी ज़ुल्फ़ों की तरफ मोड़ दे,
तेरी साँसों से मेरी सांसे जोड़कर
तेरे लबों पे सिर्फ ख़ामोशी छोड़ दे,
ख़्वाबों की बालकनी से,
आसमां से सितारें तोड़ ले,
पूनम का चाँद बाहों में भरकर,
जनवरी की सर्दी ओढ़ ले ♥♥


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar