बेधड़क | SHAYARi


तुम जो यूँ बारिशों में बेधड़क भीगती हो,
मेरे दिल की ज़मीं को तुम अपनी अदाओं से सिंचती हो ♥♥


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar