इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट
तेरी यादें | SANAM TERI KASAM
रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar
चश्म-ए-दिल में जब अश्क मेरे मिले जाँ सभी में ही अक्स तेरे मिले बज़्म में दूर से चमक रहे जो दिल में उनके मुझे अँधेरे मिले दर्द का ज़िक्र था जहाँ जहाँ पे उस वरक़ पे निशान मेरे मिले रब्त क्या है परिंदों से पूछो पेड़ सूखे मगर बसेरे मिले छोड़ आया हूँ दिल मिरा घर पर हर तरफ़ ही मुझे लुटेरे मिले दर्द-ए-तन्हाई से मरा है कोई लोग दिन रात उस को घेरे मिले ये ख़ज़ाना मिला मुहब्बत में तेरे ख़त कमरें में बिखेरे मिले चाहकर भी निकल सके न कोई साए ज़ुल्फ़ों के जब घनेरे मिले हो परेशान निकले जब घर से राह तन्हाइयों के डेरे मिले साथ मेरे ये रात रहने दो मिलना हो गर जिसे सवेरे मिले
NICE POST
जवाब देंहटाएंVISIT HHERE
http://www.shivaminfo.info/2018/08/top-10-love-shayari-image-2018.html
Good one!
जवाब देंहटाएंBahot khoob
जवाब देंहटाएंZulm o jafa ki aag lagai thi aap ne
जवाब देंहटाएंParwane ki chirag bujhai thi aap ne
Ye mai kashi ki aadat mujh ko na thi magar
Mai khane ki sharab pilayi thi aap ne
Imran Ataai
Is nazm (Poetry) ko mukammal padhne ke liye visit kijye hamara blog
👇👇👇👇👇👇👇👇 www.imranataai.blogspot.com