ऊपर की कमाई नीचे से आई

पैसा - पैसा बस यही है नारा,

अब ना रिश्ते – नातेना ही प्यार और ना ही इंसानियत की बातें,

ये इन्सान जो अंदर से मर चूका है,

अब इन सबसे किनारा कर चूका है
ये इन्सान जो अंदर से मर चूका है,
जीने के लिए खुद से घिनौने समझोते कर चूका है,
जिंदगी भी अब इसके सामने छोटी है.....

पैसो से भरी थैली जो बहुत बड़ी और मोटी है,

कितनी जेब भरेगाअब क्या पता तू कितना और जीयेगा,

क्या पैसो को खायेगा और क्या पैसो को पियेगा ?

क्यों इतनी पैसो की मारा – मारी है
जिंदगी बस दो रातें और दो पहर ही है,
तू क्यों अंदर से मर चूका है ?
और जीने के लिए खुद से घिनौने समझोते कर चूका है,
थोडा प्यार बाँट और थोडा जी ले,
जिंदगी बहुत छोटी है मेरे दोस्त,
फिर ये ना कहना की ये वक़्त की लाचारी है !!


KEYWORD TAG : Satire, Vicious Acts Of Society, Heartless People, Are You Alive?, Humanity, We are Together, Best Friend, Romance, Cute Love, Painful Life


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