Abhi ek Saans Baaki Hai | Hindi Poetry
तेरी यादों के सहारे जी रहा हूँ मैं,
प्यार के इस दर्द के घुट को रोज़ पी रहा हूँ मैं ♥♥
मैंने तेरी पलकों पे कुछ सपने सजाये थे,
कहीं वो सपने सूख कर मर ना जाये,
मैंने उन्हें अपने अश्कों से भीगोये थे ♥♥
कुछ लफ्ज़ ही सुन पाया था तेरे लबों से,
अभी वो अधूरी बात बाकी है,
साँसों की डोर को मैंने अभी थाम रखा है,
कि अभी तेरा दीदार बाकी है ♥♥
जिस दिन फलक पे चाँद पूरा दिखाई देगा,
अभी वो रात बाकी है,
शायद फिर लौट आये मेरी ज़िन्दगी में वो प्यार
वापस,
इस उम्मीद में मुझ में अभी एक सांस बाकी है ♥♥
Nice lines... fully emotional :)
जवाब देंहटाएंThank you :)
हटाएंNice poem :)
जवाब देंहटाएंthank you :)
हटाएंwaah waah...waah waah! u write very well.....really impressive n heart touchin!
जवाब देंहटाएंThanks a lot :)
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