हर राह पर इश्क के
♥♥ वफ़ा ढूँढने चले थे,
हर राह पर इश्क के खरीददार निकले,
जिसे हम प्यार की मूरत समझ बैठे थे,
वो बाज़ार-ए-इश्क के सबसे बड़े ज़मींदार निकले ♥♥
Poetry Written By - MS Mahawar
हर राह पर इश्क के खरीददार निकले,
जिसे हम प्यार की मूरत समझ बैठे थे,
वो बाज़ार-ए-इश्क के सबसे बड़े ज़मींदार निकले ♥♥
Poetry Written By - MS Mahawar
This one is amazing.
जवाब देंहटाएंNice shayaari yaar... dil ko chuu gaya..
THanks.
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