Wo Kya Jaane Firaq-ae-Mahobbat

वो क्या जाने फ़िराक़-ए-महोब्बत,
जो हँस पड़े मेरी महोब्बत का अंजाम जानकर,
हमने भी आंसू बहाकर लौटा दिया उन्हें वो प्यार,
हम पर ये उनका एहसान मानकर 

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