Phir Wo Tanha Raat Naa Aaye | Love Poems


फिर वो तनहा रात ना आये,
उस तन्हाई में तेरी याद ना आये,
कोशिश यही मैं बार-बार करूँ ♥♥

तेरी सुकून को तरसती धड़कन को सुनकर महसूस किया,
की दुनिया भूलकर मैं तो सिर्फ तुझसे प्यार करूँ ♥♥

मेरे दिल में तू ही, धड़कन में तू ही,
कैसे मैं तुझसे ये इज़हार करूँ ♥♥

तू जब मेरा हाथ थामकर मेरी ओर ताके,
तो अब कैसे में तुझसे इनकार करूँ ♥♥

कोई दर्द ना हो अब रूह को तेरी,
तेरी हर सांस में, मैं अपनी सांस भरूँ ♥♥

उलझा दिया है तेरी जुल्फों ने तेरी उलझन में मुझे,
अब तेरे संग जी लूँ या तुझ बिन मरूं ♥♥

तेरी ख़ामोशी भी छू जाये दिल को मेरे,
जब भी मैं तुझसे बात करूँ ♥♥
तेरी हर सांस पर भी हो नाम मेरा,
जब भी तन्हाई में, मैं तुझे याद करूँ ♥♥

तू हक़ीकत है या तुझे कोई ख्वाब कहूँ,
जब चाँद नज़र आये आसमां पे मुझे,
उसकी बिखरी चांदनी में तेरा दीदार करूँ ♥♥

तेरे लबों की हँसी ही है हर ख्वाब मेरा,
मैं तो बस मेरे ख़्वाबों के लिए जीउँ,
और मेरे ख़्वाबों के लिए मरूं ♥♥




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