Main Mahobbat Karta Hoon | Infinite Love


तेरे ख्वाब से महोब्बत करता हूँ,
तेरे एहसास से महोब्बत करता हूँ,
मिलना तो शायद अब मुमकिन नही,
मैं तो तेरी याद से महोब्बत करता हूँ
♥♥

जिस बारिश में तू भीग रही थी,
मैं उस बरसात से महोब्बत करता हूँ,
कभी ख्वाब में तूने मुझे छुआ होगा,
मैं उस रात से महोब्बत करता हूँ
♥♥

तू जो मुझसे इज़हार ना कर सकी,
तेरे दिल में दबे उन ज़ज़्बात से महोब्बत करता हूँ,
वो लब्ज़ जो तू मुझसे कह ना सकी,
तेरे उन हालात से महोब्बत करता हूँ
♥♥

जो तेरे घर से गुज़रते हैं,
मैं उन रास्तो से महोब्बत करता हूँ,
जो तूने मुझसे महोब्बत में किये थे,
मैं तेरे उन वास्तो से महोब्बत करता हूँ
♥♥

कुछ सवाल जो मैंने तुझे ख़त में लिखे थे,
तेरे उस जवाब से महोब्बत करता हूँ,
तुझ बिन जो ख्वाब अधूरे ही रह गये,
मैं हर उस ख्वाब से महोब्बत करता हूँ
♥♥

जो वादें तूने मुझसे किये थे,
तेरी हर उस बात से महोब्बत करता हूँ,
जिस दिन तू मेरी हो गयी थी
मैं तेरी-मेरी उस मुलाकात से महोब्बत करता हूँ
♥♥



टिप्पणियाँ

  1. Loved the poem. One of your best, MS.
    Soulful and beautiful. Keep creating such gems :)

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