इश्क के फूल | Infinite Love


दर्द की हवा जो चली,
इश्क के फूल भी सूखने लगे,

कोई तो कशिश थी सादगी में उसकी,
जो याद में उसकी खुद को भी भूलने लगे,

धड़कनों सा रिश्ता है दिल से तेरा,
जो आज फिर तुझे हम आंसुओ में ढूँढने लगे ♥♥


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar