मेरे हमनशी | Infinite Love


तेरे सिवा ज़िन्दगी से कोई चाहत नहीं थी,
तेरे बगैर दिल को कहीं राहत नहीं थी,

कैसे जी रहा हूँ मैं तुझ बिन मेरे हमनशी,
तेरे सिवा मुझे कोई आदत नहीं थी ♥♥



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