बेजुबां | हिंदी दिवस


अगर तुम ना होती,
तो हम भी ना होते,

इश्क बेजुबां सा होता,
और ज़ज्बात भी खामोश होते ♥♥

मेरी बातमेरे ज़ज्बात,
मेरी आवाज़, मेरे अल्फ़ाज़,
मेरे लफ्ज़, मेरी नब्ज़,
मेरी हकीकत, मेरे ख्व़ाब ♥♥

ये ख़लिश, ये कशिश,
ये इंतज़ार, मेरा इज़हार,
मेरी इबादत, मेरा प्यार,
ये धुप और तुम छाया,
मेरी तन्हाईमेरा साया ♥♥

मेरी सांस, मेरे एहसास,
मेरी तड़प, मेरी प्यास,
मेरा दर्द, मेरा सुकून,
मेरा इश्क़, मेरा जुनून ♥♥

महोब्बत हो गयी है तुमसे 
शुक्रिया, हिंदी 

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें |


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar