Chal Kahin | Infinite Love
चल फिर कहीं दूर चलते हैं,
हकीकत और ख़्वाब के बीच जो फासला है वहाँ मिलते
है,
खिड़कियों से ताकता है जहाँ चाँद रात भर,
उस ठंडी रात की तन्हाई में जलते है ♥♥
साँसों से जो टकराती है खुशबूं बार बार,
रूह तक पहुँचती उन साँसों में घुलते है,
सिकुड़ कर सोता है साया भी मुझसे रात भर,
चल एक नयी सुबह में किसी फूल सा खिलते हैं ♥♥
ठहर गयी है बहती ज़िंदगी इश्क़ में,
चल एक दूजे की बाहों में पिघलते है,
गिरते है झरने नदी की गोद में जैसे,
चल हम भी दरियां-ए-इश्क़ में उतरते है ♥♥
दिल ने की है नादानियाँ बहुत,
चल अब इश्क़ में थोड़ा संभलते हैं,
दर्द में गुज़र ना जाये सारी जिंदगी इस कदर,
चल जो दिल को सुकून दे कुछ ऐसी यादें बुनते है ♥♥
जिन फूलों को तितलियों ने चूमा होगा,
चल उन फूलों को चुनते है,
शोर बहुत है खामोशियों का हर तरफ,
चल एक दूजे की धड़कनों को सुनते है ♥♥
कहीं बंद ना हो जाये आँखें तुझे देखे बिना,
चल फिर एक दूजे की नज़रों से गुजरते है,
हर वक़्त पूछती है जो सवाल जिंदगी मुझसे,
चल अब उस सवाल का जवाब ढूँढ़ते है ♥♥
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Thank you Purba :)
जवाब देंहटाएंSuperb
जवाब देंहटाएंTHank you :)
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