Shayari | Infinite Love
बंजर पड़ी जमीं
में उम्मीदों के बीज़ बौता है,
वो जो आँखों
में मखमली ख़्वाब लिये काँटों पे सोता है ♥♥
कभी तुम्हें
देखकर एक शायरी लिखी थी,
तुम तो पूरी
डायरी ही बन गयी ♥♥
रुक रुक कर
दिल में जो ये दर्द उठता है,
कोई तो है जो
मुझे छूकर गुज़रता है ♥♥
दिल हर्फ़ हर्फ़
जैसे तुम्हें ही लिखता हो,
मैं कागज़ हूँ
और तुम उस पर लिखी कविता हो ♥♥
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें