इक ख़्वाब तेरा | Urdu Ghazal | Poetry | Shayari


इक  ख़्वाब  तेरा   खो  गया  कल  आँख  में  मिरी

हो    गर    अँधेरा     ढूँढने    निकलूँ    कहीं   उसे

 

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