क्या लौट आओगी तुम | Infinite Love


क्या फिर कभी लौट आओगी तुम,
कुछ मेरी सुनोगी और कुछ अपनी सुनाओगी तुम,
पूछोगी नहीं कि कैसा हूँ मैं,
क्या बिना कुछ कहे ही चली जाओगी तुम ♥♥

दिल पे हाथ रख कर,
क्या एक बात सच-सच बताओगी तुम,
प्यार छिपाना तो तुमने सीख लिया है,
मगर दिल से मेरी यादों को कैसे मिटाओगी तुम ♥♥

जो वादें मुझसे किये थे,
उन्हें कैसे भूल जाओगी तुम,
जो कसमें हाथ पकड़ के ली थी,
उन्हें कैसे तोड़ पाओगी तुम ♥♥

तुझ बिन हर लम्हा जीना मुश्किल है,
क्या दिल को ऐसे ही तड़पाओगी तुम,
तुझे देखकर ही तो जीने लगे थे,
क्या मुझे यूँ तनहा ही छोड़ जाओगी तुम ♥♥

मैं कभी तुम्हे पुकारूँ,
तो क्या चली आओगी तुम,
मुझे अपने दिल से लगाकर,
अपनी बाहों में सुलाओगी तुम ♥♥

मेरी साँसों से उतर कर,
मेरी रूह में बस जाओगी तुम,
तेरे लबों से मेरे लबों को जोड़कर,
दिल को छू जाओगी तुम ♥♥

टूट चूका हूँ महोब्बत में तेरी,
क्या मुझे फिर चलना सीखाओगी तुम,
मेरे हर एक जख्म को,
अपनी ठंडी साँसों से सहलाओगी तुम ♥♥

क्या मेरे पास आ जाओगी तुम,
अब यूँ ना मुझसे नज़रे चुराओगी तुम,
वादा करो कि अब मुझसे दूर ना जाओगी तुम,
हर घड़ी मेरा साथ निभाओगी तुम ♥♥

मेरे हर पल और हर ख्वाब में तू है,
क्या मुझे भी अपनी आँखों में सजाओगी तुम,
मैंने तुम्हे ज़िन्दगी बना लिया है,
क्या मुझे भी कभी अपनाओगी तुम ♥♥



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