Kya Tune Bhi Kabhi | Infinite Love
मेरे हर ख्याल में तू है,
क्या तुझे भी कभी मेरे ख्याल ने
सताया होगा,
मेरे हर ख्वाब में तू है,
क्या तूने भी कभी मुझे तेरी याद
में पाया होगा
♥♥
जान भी तू है और ज़िन्दगी भी तू
ही,
क्या तूने भी कभी मुझे अपनाया
होगा,
तेरे ख़्वाबों की सारी दुनिया मेरी
आँखों में है,
क्या तूने भी कभी अपनी आँखों में
मेरा ख्वाब सजाया होगा ♥♥
तेरी याद में दिल तड़प उठता है,
क्या तेरा भी दिल कभी मेरी याद
में घबराया होगा,
टूट चूका हूँ मैं वादें
निभाते-निभाते,
क्या तूने भी कभी उन वादों को
निभाया होगा
♥♥
मेरी परछाई में भी तू है,
क्या तेरे साथ भी मेरा साया होगा,
आज भी छिपा रखा है तेरे एहसास को
दिल में,
क्या तूने भी कभी मेरे प्यार को
छुपाया होगा
♥♥
मेरी रूह और हर सांस में तू है,
क्या तूने भी कभी मुझे तेरे दिल
में बसाया होगा,
दिल से कहा है मैंने कि तुझ बिन
जीना सीख ले,
क्या तूने भी कभी अपने दिल को
समझाया होगा
♥♥
Beautiful as always.. very soulfully expressed.
जवाब देंहटाएंTHank you so much :)
हटाएंVery heart-touching poem!
जवाब देंहटाएंTHank you so much :)
हटाएंamazing lines MS... :-) hamesha ki tarah...
जवाब देंहटाएंbtw - did I ever tell you, I love the falling rose petals on your blog :-)
जवाब देंहटाएंyup, once you told me about this. I also love the falling rose petals :)
हटाएंOh I did... :p chalo, ek baar aur sahi :)
हटाएंVery touching poem....
जवाब देंहटाएंTHank you so much :)
हटाएंA soulful poem of love
जवाब देंहटाएंTHank you so much :)
हटाएंBeautiful...
जवाब देंहटाएंTHank you :)
हटाएंnyc ;)
जवाब देंहटाएंBeautiful poem, brings out the pain, romance and longing.
जवाब देंहटाएंTHank you so much. Your appreciation means a lot.
हटाएं@Madhu - well expressed. depicting the pain and romance.
जवाब देंहटाएंTHanks a lot :)
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