Chaand Aasman Se Laapta Hai | Love Poems


चाँद आसमान से लापता है,
ना जाने क्यों मेरा महबूब मुझसे खफा है,
मेरे करीब तो है वो,
मगर ना जाने क्यों वो मुझसे थोडा जुदा है ♥♥

उसकी आँखें कुछ कहना चाहती है मुझे,
शायद उसकी आँखों के काज़ल के पीछे,
कोई गहरा राज़ छिपा है ♥♥

शायद कोई तस्वीर है उसकी आँखों में,
जिसे उसकी पलकों ने छिपा रखा है,
उसकी सांसों से पूछता हूँ मैं हाल उसके दिल का,
शायद उसकी सांसों को को सब कुछ पता है ♥♥

धडकनों को समझा दिया है मैंने की,
अब उसकी उम्मीद में धड़कना छोड़ दे,
पर ना जाने क्यों आज भी,
दिल उसी के लिए तड़पता है ♥♥

आंसुओ को रोकना अब मुश्किल है मेरे लिए,
मगर जब दिल उसकी आरज़ू में धड़कता है,
तो उसके एहसास से ही अब दिल सम्भलता है ♥♥

चाँद आसमान से लापता है,
ना जाने क्यों मेरा महबूब मुझसे खफा है ♥♥



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