Mujhe Aisi Jaagir | Shayari लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप जनवरी 26, 2015 जो महोब्बत को दौलत से तौल दे, मुझे ऐसी जागीर पसंद नहीं, जो ज़िन्दगी भर का साथ पल भर में छोड़ दे, मुझे ऐसे राहगीर पसंद नहीं | लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ life stalker26 जनवरी 2015 को 9:08 pm बजेये उसकी गलती नहीं, ये तो तेरा ही गुनाह था...उसको क्या दोष देता हैं, ऐसा कुछ होगा ये तुझे भी पता था...जवाब देंहटाएंउत्तरM S Mahawar27 जनवरी 2015 को 7:29 am बजेWhat to say! Thanks for your comment!हटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंRenu Vyas27 जनवरी 2015 को 7:36 am बजेWell expressed :)जवाब देंहटाएंउत्तरM S Mahawar27 जनवरी 2015 को 7:40 am बजेTHanks. Glad you like it :)हटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंEduPub27 जनवरी 2015 को 8:25 pm बजेGood shayari..जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
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ये उसकी गलती नहीं, ये तो तेरा ही गुनाह था...
जवाब देंहटाएंउसको क्या दोष देता हैं, ऐसा कुछ होगा ये तुझे भी पता था...
What to say! Thanks for your comment!
हटाएंWell expressed :)
जवाब देंहटाएंTHanks. Glad you like it :)
हटाएंGood shayari..
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