Ae Mere Humnashi | Love Poems
ऐ मेरे हमनशी,
कैसी है ये तेरी दिलकशी,
रूठ गयी है ज़िन्दगी भी मुझसे,
खो गयी है हर ख़ुशी ♥♥
कैसी है ये तेरी दिलकशी,
रूठ गयी है ज़िन्दगी भी मुझसे,
खो गयी है हर ख़ुशी ♥♥
क्यों है ये चाहतें,
कैसी
है ये बेबसी,
टूट
चूका हूँ मैं,
टूट
रही है हर सांस भी ♥♥
लब तरसते रहे कुछ कहने को,
बयाँ
करती रही आँखों की नमी,
हर
टूटा ख्वाब है एक चूभन सा
छिल
गयी है दिल की जमीं ♥♥
ऐ
मेरे हमनशी,
क्यों
है तू हर कहीं,
आँखें
अब बंज़र सी है,
ग़ुम
है लबों की हँसी ♥♥
And how romantic is that... :)
जवाब देंहटाएंTHank you :) your beautiful and sweet comments always touch my heart.
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