नाराज़गी | हिंदी शायरी


चेहरे पे चाँद सी सादगी है,
होंठों पे गुलाबों सी ताज़गी है,
ज़िंदगी की मुझसे कैसी नाराज़गी है,
ये मोहब्बत भी सिर्फ़ कागज़ी है ♥♥


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