मक़ाम | Unrequited LOVE


मोहब्बत ही मेरा आख़िरी मक़ाम ना हो जाये,
तेरे इंतज़ार में ज़िंदगी की शाम ना हो जाये |


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रब्त क्या है परिंदों से पूछो | M S Mahawar