हिकायतें | Hindi Poetry


उनके होंठों पर मेरी हिकायतें बहुत है,
मैं ख़ुद कहूँ तो शिकायतें बहुत है,

दिल का दम घुटता है इस शहर में,
यहाँ जिस्मों को जोड़ने की रिवायतें बहुत है ।


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