तू जो कहे तो | Love Poems
तू जो कहे तो हँस दूँ ,
तू जो कहे तो रो दूँ ,
तू जो कहे तो उसे पा लू और,
तू जो कहे तो उसे खो दूँ ,
मेरी आँखे सोये और सपने जागे,
कांटो का बिस्तर है,
गमोँ की चादर है,
तू जो कहे तो उसे पा लू और,
तू जो कहे तो उसे खो दूँ ,
मेरी आँखे सोये और सपने जागे,
कांटो का बिस्तर है,
गमोँ की चादर है,
मेरी सांसो मेँ बसी तेरी यादोँ के,
इस गुमनाम अंधेरे मेँ ,
सपनोँ से भरा गगन है,
पर सुना मन का आंगन है,
ये मेरे मन की जागीर है,
जहाँ रहता हर वक्त मेरी नजरोँ का पहरा है,
ऐ किस्मत तू चाहे जितना जोर लगा ले,
इस मन का पहरी मैँ खुद हूँ ,
यहाँ हुक्म मेरा चलता है,
तेरी इन गुस्ताख नजरो को मोड़ दूँ ,
तेरी इन हसरतोँ को तोड़ दूँ ,
ये मेरे मन का आंगन है,
यहाँ किसे रखूँ ,
और किसे छोड़ दूँ !
पर सुना मन का आंगन है,
ये मेरे मन की जागीर है,
जहाँ रहता हर वक्त मेरी नजरोँ का पहरा है,
ऐ किस्मत तू चाहे जितना जोर लगा ले,
इस मन का पहरी मैँ खुद हूँ ,
यहाँ हुक्म मेरा चलता है,
तेरी इन गुस्ताख नजरो को मोड़ दूँ ,
तेरी इन हसरतोँ को तोड़ दूँ ,
ये मेरे मन का आंगन है,
यहाँ किसे रखूँ ,
और किसे छोड़ दूँ !
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