My Words | Sad Poetry


कुछ अनसुनी और अनकही बातेँ साथ रखता हूँ ,
सागर से भी गहरेँ जस्बात लिए रखता हूँ ,
जो बिना कुछ कहेँ ही असर कर जायेँ,
ऐसे अल्फाज लिए रखता हूँ ,
दर्द मेँ जो साथ दे,
आँखोँ के वो अश्क साथ रखता हूँ ,
तन्हाईयोँ के महलोँ मे रहने वाला हूँ ,
मैँ यादोँ की बारात साथ रखता हूँ !

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